जयपुर । प्रदेश के तीन बड़े शहराें जयपुर, जाेधपुर और काेटा में दाे-दाे नगर निगम और दाे-दाे मेयर बनाने के फैसले के दाे दिन बाद रविवार शाम प्रदेश के सभी 196 स्थानीय निकायाें के प्रमुखाें की लाॅटरी निकाली गई। निकाय प्रमुखाें में 10 मेयर, 34 सभापति और 152 नगरपालिका अध्यक्ष शामिल हैं। सातों संभाग मुख्यालयों के 10 नगर निगमों में 10 मेयर में से 7 महिलाएं बनेंगी।
सामान्य वर्ग के नाम केवल तीन शहरों के चार मेयराें की लाॅटरी निकली, लेकिन इनमें सामान्य पुरुष का एक ही मेयर काेटा दक्षिण में रहेगा, जबकि जाेधपुर के दाेनाें तथा बीकानेर निगम की तीन सीटें सामान्य महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। सभी 10 में से 6 मेयर की लाॅटरी आरक्षित वर्ग के नाम निकली। इनमें से 3 सीटें ओबीसी और 3 एससी वर्ग के नाम रही।
आरक्षित वर्ग की 6 सीटाें में से 2 अाेबीसी और 2 एससी की महिलाओं के लिए हैं। जयपुर के दोनों नगर निगम की लाॅटरी ओबीसी महिला के नाम निकली। अजमेर और कोटा उत्तर मेयर की लाटरी एससी महिला के नाम और भरतपुर मेयर की लाॅटरी
जयपुर सहित तीनों बड़े शहरों के दो-दो मेयर की लाॅटरी एक ही श्रेणी की निकलने से कई नेताओं के अरमानों पर फिरा पानी
जयपुर के वर्तमान महापौर विष्णु लाटा सहित कई शहरों के वर्तमान महापौर, सभापति, पालिकाध्यक्ष और कमिश्नर आदि लाटरी प्रक्रिया देखने जयपुर सुबह से जुटे थे। करीब पांच बजे जैसे ही रुझान आने लगे तो पहला रुझान अजमेर का एससी महिला के नाम खुला। इसके बाद आस जयपुर पर टिकी। जैसे ही जयपुर के हैरिटेज निगम और ग्रेटर जयपुर निगम की लाटरी ओबीसी महिला के नाम खुली तो महापौर लाटा सहित कई स्थानीय सरकारों के नेता रवाना हो गए। ज्यादातर का कहना था कि लाटरी ने अरमानों पर पानी फेर दिया।
सीएम के शहर जोधपुर के दोनों निगमों की लाटरी निकली तो भी सामान्य पुरुष की जगह दोनों सीटें सामान्य महिला के नाम निकलते ही जोधपुर के नेता भी रवाना हो गए। लाटरी स्वायत्त शासन सचिव भवानीसिंह देथा ने निकलवाई। कुछ ने उन पर ओबीसी के होने और सबसे पहले ज्यादातर की ओबीसी की लाटरी निकलवाने का भी आरोप लगाया। लाॅटरी शुरू हाेते ही सीपीएम औंर अन्य पार्टियों के नेताओं के प्लेट नहीं लगे होने से दो नेता गुस्सा गए और उन्होंने सचिव देथा को भली-बुरी सुनाते हुए आरोप लगाया कि देथा खुद ओबीसी से हैं, इसलिए बड़े शहरों और शुरुआती ज्यादातर निकायों की लॉटरी ओबीसी के नाम निकाली गई।